एक नया Blood Group MAL जिसके लिए वैज्ञानिकों ने 50 वर्षों से अधिक लगातार संघर्ष करते हुए आखिरकार खोज निकाला | जिससे मानव के इलाज में आधिक सटीकता मिलेगी |
हमारे शरीर में खून का कार्य
हमारे शरीर में खून तीन तरह की कोशिकाओं से मिलकर बनता है पहला रेड ब्लड सेल दूसरा वाइट ब्लड सेल और तीसरा प्लेटलेट्स ब्लड ग्रुप I कौन सा है ? यह तय करने के दो तरीके होते हैं पहला एंटीबॉडी और दूसरा एंटीजन, वाइट ब्लड सेल में मौजूद प्रोटीन को एंटीबॉडी कहते हैं जबकि रेड ब्लड सेल में मौजूद प्रोटीन की परत को एंटीजन कहते हैं ब्लड टाइप A में सिर्फ एंटीजन A होते हैं ब्लड B में सिर्फ B,ब्लड AB में दोनों होते हैं और टाइप O में दोनों ही नहीं होते बात यही नहीं खत्म होती|
आपने सुना होगा कि ब्लड ग्रुप पॉजिटिव या नेगेटिव भी होता है तो सवाल उठता है कि अब पॉजिटिव या नेगेटिव किस आधार पर होता है दरअसल लाल रक्त कोशिकाओं में एक और तरह का एंटीजन होता है इसे कहते हैं RHT(Rhesus Hemolytic Transfusion) जब खून में RHT हो तो इसे पॉजिटिव कहा जाता है और अगर दोनों ना हो तो नेगेटिव टाइप कहा जाता है|
खून के प्रकार
इस तरह सामान्यता कुल आठ प्रकार के ब्लड ग्रुप का वर्गीकरण किया जाता है A पॉजिटिव, A नेगेटिव, B पॉजिटिव, B नेगेटिव, O पॉजिटिव, O नेगेटिव, AB पॉजिटिव और AB नेगेटिव ध्यान रखिए इसके अलावा भी ब्लड ग्रुप के कई क्लासिफिकेशन होते हैं
खून को कौन ले सकता है और कौन दे सकता है
अब अगर किसी व्यक्ति को रक्त की आवश्यकता हो तो उसे ऐसे ही कोई भी ब्लड नहीं चढ़ाया जा सकता बल्कि उसके ब्लड ग्रुप का पता होना जरूरी होता है अगर नेगेटिव ग्रुप वाले शख्स को पॉजिटिव वाले डोनर का खून चढ़ाया जाए तो यह उनके लिए जानलेवा हो सकता है क्योंकि उसके शरीर को एंटीबॉडीज इस खून को स्वीकार नहीं करते हैं
क्योंकि O ब्लड ग्रुप वालों में ना तो एंटीजन A और B होते हैं ना ही RhD (Rhesus D antigen) ऐसे में खून बिना रिएक्ट हुए अन्य ग्रुप वालों के खून में मिक्स हो जाता है इसीलिए यह ब्लड बाकी सभी ब्लड ग्रुप वालों को चढ़ाया जा सकता है और इसे यूनिवर्सल डोनर कहा जाता है अब आते हैं
AnWj क्या है ?
1972 में AnWj नाम का एक ब्लड ग्रुप एंटीजन खोजा गया था AnWj एक दुर्लभ रक्त समूह एंटीजन है, जिसे 1972 में खोजा गया था। इस एंटीजन का पूरा नाम “Anton Nilsson Wiener’s J” है। यह एक असामान्य और दुर्लभ एंटीजन है, जो नियमित रक्त समूह प्रणाली (ABO या Rh) में नहीं आता है। यह उन कुछ विशेष मामलों में पाया जाता है, जहां सामान्य रक्त समूह से अलग और अधिक विशिष्ट एंटीजन की पहचान की जाती है। लेकिन तब वैज्ञानिक ये समझ नहीं पाए थे कि यह एंटीजन कैसे काम करता है
Blood Group MAL की खोज
अब 50 साल बाद NHS Blood and Transplant नाम की एक संस्था और University of Bristol के वैज्ञानिकों की टीम ने इसका सही कारण ढूंढ निकाला है उन्होंने एक नया ब्लड ग्रुप सिस्टम खोजा है जिसे MAL नाम दिया गया है
इस टीम के लीडर लुईस टीली और उनकी टीम ने एक ऐसा टेस्ट बनाया है जिससे उन लोगों की पहचान की जा सकेगी जिसके खून में AnWj एंटीजन होता इसका मतलब यह नहीं है कि अब उन मरीजों के लिए खून का सही डोनर ढूंढना आसान हो जाएगा
जिनके पास यह एंटीजन नहीं है यह खोज ना सिर्फ ब्रिटेन के लिए बल्कि पूरी दुनिया के मरीजों के लिए फायदेमंद साबित होगी वैज्ञानिकों ने एक ऐसा टेस्ट बनाया है जो बाकी ब्लड टेस्टर्स के साथ मिलकर काम कर सकता है इसे डॉक्टर आसानी से पता लगा सकेंगे कि किस मरीज को किस तरह का खून चाहिए
MAL से लोगों को फायदा
- पहला AnWj एंटीजन की पहचान इसमें वैज्ञानिकों ने AnWj एंटीजन के बारे में पूरी जानकारी हासिल की जिससे उन मरीजों का इलाज आसान हो सकेगा जिनके पास यह एंटीजन नहीं होता
- दूसरा है MAL ब्लड ग्रुप सिस्टम इस नई खोज ने Blood Group MAL को 47 वें ब्लड ग्रुप सिस्टम के रूप में मान्यता दी है इसमें एन डब्लू ज एंटीजन भी शामिल है
- तीसरा है ब्लड ट्रांसफ्यूजन की सुरक्षा अब वैज्ञानिक ऐसे टेस्ट बना सकेंगे जो उन मरीजों की पहचान करेंगे जिनके पास AnWjएंटीजन नहीं है ताकि ट्रांसफ्यूजन के दौरान कोई दिक्कत ना हो अगर आपको
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